Startup India Seed Fund Scheme, क्या आपके पास एक ऐसा बिजनेस आइडिया है जो दुनिया बदल सकता है? क्या आपके पास एक ऐसी तकनीक है जो लाखों लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकती है? लेकिन, क्या शुरुआती पूंजी की कमी आपके सपनों के आड़े आ रही है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में हजारों इनोवेटर्स इसी चुनौती का सामना करते हैं। इसी खाई को पाटने के लिए, भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 19 अप्रैल 2021 को स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS) की शुरुआत की।
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS) को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 19 अप्रैल 2021 में ₹945 करोड़ की राशि के साथ शुरू किया। इसका मुख्य उद्देश्य है, नवोदित स्टार्टअप्स को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप, उत्पाद परीक्षण, बाज़ार प्रवेश और व्यावसायीकरण के शुरुआती चरणों में आर्थिक मदद देना। इस योजना के जरिए स्टार्टअप्स को एंजेल इन्वेस्टर्स या बैंकों से आगे की निधि हासिल करने में मदद मिलती है। चयनित स्टार्टअप्स को यह सहायता देशभर में मान्यता प्राप्त इनक्यूबेटरों के माध्यम से प्रदान की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने व्यावसायिक विचारों को साकार कर सकें।
2025 तक हुई प्रगति और आंकड़े
- 30 जून 2025 तक, कुल ₹945 करोड़ राशि 219 इनक्यूबेटरों को मान्यता दी गई, जो इस फंड को आगे वितरण करते हैं।
- दिसंबर 2025 तक अनुमानित 3,600 से अधिक स्टार्टअप्स Startup India Seed Fund Scheme योजना से लाभान्वित होंगे।
- फरवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार, ₹467.75 करोड़ राशि 2,622 स्टार्टअप्स को प्रदान की जा चुकी है।
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फायदे – ग्रांट (अनुदान) और निवेश
- ₹20 लाख तक का अनुदान (grant) — यह राशि आपके आइडिया को प्रमाणित करने, प्रोटोटाइप विकसित करने या उत्पाद का परीक्षण करने के लिए दी जाती है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक अनुदान है, जिसे आपको चुकाना नहीं पड़ता। यह फंड मील के पत्थर (milestones) के आधार पर किश्तों में दिया जाता है, यानी जैसे-जैसे आप अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करते जाते हैं, आपको फंड मिलता रहता है।
- ₹50 लाख तक का निवेश – जब आपका उत्पाद बाजार में उतरने के लिए तैयार हो, तो उसके व्यावसायीकरण और विस्तार के लिए आपको ₹50 लाख तक का निवेश मिल सकता है। यह राशि परिवर्तनीय डिबेंचर (convertible debentures) या ऋण के रूप में प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य आपको बाजार में अपनी पकड़ बनाने में मदद करना है।
- सिर्फ पैसा ही नहीं, विशेषज्ञ मार्गदर्शन भी: इस योजना की एक अनूठी (Unique) विशेषता यह है कि फंड सीधे सरकार द्वारा नहीं, बल्कि देश भर में फैले विशेषज्ञ इनक्यूबेटरों के माध्यम से वितरित किया जाता है। इसका मतलब है कि आपको सिर्फ फंड ही नहीं मिलता, बल्कि इनक्यूबेटर का विशेषज्ञ मार्गदर्शन, मेंटरशिप और नेटवर्किंग का अवसर भी मिलता है। और इसके लिए आपको अनिवार्य रूप से इनक्यूबेटर के ऑफिस में बैठने की भी जरूरत नहीं है (No mandatory physical incubation) ।
- Startup India Seed Fund Scheme फंड का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए होना चाहिए जिसके लिए यह प्रदान किया गया था।
- अतिरिक्त नियम:
- Incubator को दी जाने वाली कुल राशि का 20% से अधिक भाग स्टार्टअप्स में नहीं बाँटा जा सकता।
- ऋण/Convertible Debentures पर ब्याज रेपो दर से अधिक नहीं होनी चाहिए, और अधिकतम अवधि 60 महीनों (5 वर्ष) की हो सकती है, जिसमें 12 महीने की ग्रेस पीरियड हो सकती है।
- आकस्मिक व निर्णय-आधारित वितरण सुनिश्चित करने के लिए कानूनी समझौते और उपयोग प्रमाणपत्र अनिवार्य हैं।

Startup India Seed Fund Scheme, पात्रता,आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
पात्रता के मानदंड:
- आपका स्टार्टअप DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
- आवेदन करते समय आपके स्टार्टअप को बने हुए 2 साल से अधिक नहीं हुए होने चाहिए।
- आपके पास एक ऐसा व्यावसायिक विचार होना चाहिए जिसमें इनोवेशन हो और जिसे बड़े पैमाने पर फैलाया जा सके।
- आपको किसी अन्य केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी योजना से ₹10 लाख से अधिक सहायता न मिली हो।
- आपके स्टार्टअप को अपने मुख्य उत्पाद या सेवा में प्रौद्योगिकी (Technology) का उपयोग करना चाहिए।
- योजना में सामाजिक प्रभाव वाले क्षेत्रों जैसे अपशिष्ट प्रबंधन(Waste Management), जल प्रबंधन(water management), शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा आदि को प्राथमिकता दी जाती है।
- भारतीय प्रमोटरों की कम से कम 51% हिस्सेदारी हो।
आवेदन प्रक्रिया:
Startup India Seed Fund Scheme आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन और पारदर्शी है:
- ऑनलाइन आवेदन: सबसे पहले, Startup India Seed Fund Scheme के आधिकारिक सीड फंड पोर्टल (seedfund.startupindia.gov.in) पर जाएं और “Apply Now” पर क्लिक करें।
- DPIIT awareness, Team profile, Business model, Market size, fund utilization plan आदि विवरण भरें
- 3 इनक्यूबेटर चुनें: आपको अपनी पसंद के अनुसार किन्हीं तीन इनक्यूबेटरों में आवेदन करने का विकल्प मिलता है। इससे आपके चुने जाने की संभावना बढ़ जाती है।
- एप्लीकेशन ISMC (इनक्यूबेटर सीड मैनेजमेंट कमेटी) द्वारा 45 दिनों में मूल्यांकित होती है। कमेटी आपके आइडिया, टीम और क्षमता के आधार पर आपको शॉर्टलिस्ट कर सकती है और एक प्रस्तुति के लिए बुला सकती है। ISMC कमेटी में उद्योग, शिक्षा और निवेश जगत के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
- चयनित स्टार्टअप को पहली किस्त 60 दिनों में मिल जाती है, और आगे की किश्तों के लिए प्रगति रिपोर्ट और उपयोग प्रमाणपत्र आवश्यक हैं Startup India ।
आवश्यक दस्तावेज
- पैन कार्ड
- जीएसटी नंबर
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण (Bank account statement)
- निगमन प्रमाणपत्र (certificate of incorporation)
- वित्तीय विवरण (Financial Statements)
- उत्पाद/सेवा का वीडियो प्रदर्शन
सफलता कथाएं और प्रभाव
- MSME (Micro, Small, and Medium Enterprises) Idea Hackathon 5.0 के अंतर्गत IIT Indore ने ₹5 करोड़ से अधिक Startup India Seed Fund Scheme फंड प्राप्त किया, जिससे 51 सक्रिय स्टार्टअप्स को समर्थन मिला है। The Times of India
- देश में Seed funding stage में ₹4.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर की कुल फंडिंग हुई जो इस ecosystem की मजबूती दिखाती है। The Times of India
सारांश तालिका
विषय | विवरण |
आरंभ | 19 अप्रैल 2021, DPIIT द्वारा ₹945 करोड़ की राशि |
ग्रांट | ₹20 लाख तक (grant), ₹50 लाख तक (debt/debentures) |
लाभार्थियों की संख्या | 2025 तक~2,622 स्टार्टअप्स को फंडिंग दी जा चुकी है |
चयन प्रक्रिया | 3 इच्छित इनक्यूबेटर → ISMC → 45 दिनों में चयन |
अन्य फंडिंग/impact | MSME & Seed फंडिंग में India global rank 3 हुई |
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निष्कर्ष
Startup India Seed Fund Scheme (SISFS 2025) एक बेहतरीन पहल है जो early-stage स्टार्टअप्स को व्यावसायिक स्तर तक पहुँचने में वाकई मददगार साबित हो रही है। यह योजना भारतीय उद्यमियों के लिए एक अद्भुत अवसर है। ₹20 लाख की ग्रांट, ₹50 लाख तक का निवेश, पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन, और चयन में पारदर्शिता—यह सब इस स्कीम की ताकत हैं। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि इनक्यूबेटर्स के माध्यम से मार्गदर्शन और सहायता भी देती है। यदि आप एक युवा उद्यमी हैं और अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं।
Startup India Seed Fund Scheme से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs): –
Q1. स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना क्या है?
उत्तर: यह DPIIT की 2021 में शुरू की गई योजना है जिसके तहत नए और इनोवेटिव स्टार्टअप्स को शुरुआती फंडिंग दी जाती है, ताकि वे प्रोटोटाइप, उत्पाद परीक्षण और बाज़ार में एंट्री कर सकें।
Q2. इस योजना के तहत कितनी फंडिंग मिल सकती है?
उत्तर:
- ₹20 लाख तक का ग्रांट – प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप और टेस्टिंग के लिए।
- ₹50 लाख तक का निवेश (Loan या Convertible Debentures) – बिज़नेस डेवेलपमेंट और मार्केट लॉन्च के लिए।
Q3. SISFS के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
उत्तर:
- DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप
- अधिकतम 2 साल पुराना
- भारत में कम से कम 51% हिस्सेदारी भारतीय प्रमोटर्स के पास
- किसी अन्य सरकारी योजना से ₹10 लाख से अधिक फंड न लिया हो।
Q4. इस योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: मुख्य उद्देश्य है नवोदित स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में आर्थिक मदद देना, ताकि वे innovation → product → commercialization की यात्रा पूरी कर सकें।
Q5. यह फंडिंग सीधे सरकार देती है या इनक्यूबेटर?
उत्तर: फंडिंग सीधे सरकार नहीं देती, बल्कि DPIIT द्वारा चुने गए मान्यता प्राप्त इनक्यूबेटर स्टार्टअप्स को ग्रांट या निवेश देते हैं।
Q6. 2025 तक कितने स्टार्टअप्स लाभान्वित हो चुके हैं?
उत्तर: फरवरी 2025 तक 2,622 स्टार्टअप्स को ₹467.75 करोड़ की राशि मिल चुकी है और दिसंबर 2025 तक यह संख्या 3,600+ तक पहुँचने का अनुमान है।
Q7. क्या यह लोन वापस करना पड़ता है?
उत्तर:
- Grant (₹20 लाख तक) वापस नहीं करना पड़ता।
- Loan / Convertible Debentures (₹50 लाख तक) पर नियमों के अनुसार ब्याज और भुगतान अवधि लागू होती है।
Q8. किन खर्चों पर यह फंडिंग उपयोग नहीं की जा सकती?
उत्तर:
- कर्ज़ चुकाने के लिए
- किसी दूसरे व्यवसाय में निवेश के लिए
- पर्सनल उपयोग के लिए
- विदेशी खर्चों के लिए
Q9. यह योजना कब तक चलेगी?
उत्तर: फिलहाल इसकी कुल अवधि 2025-26 तक निर्धारित है और सरकार इसे स्टार्टअप इकोसिस्टम की ज़रूरतों के अनुसार आगे भी बढ़ा सकती है।
Q10.क्या मैं एक व्यक्तिगत उद्यमी(Entrepreneur)के रूप में आवेदन कर सकता हूँ?
उत्तर: नहीं, व्यक्तिगत रूप से आप आवेदन नहीं कर सकते। केवल एक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप (जो एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पंजीकृत भागीदारी फर्म या एलएलपी हो) ही आवेदन कर सकता है।